टॉप-2 मतलब आधी जंग जीत ली" – पंजाब किंग्स का नया मंत्र

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 मुंबई इंडियंस के खिलाफ मुकाबले से पहले पंजाब किंग्स की टीम मीटिंग में कप्तान श्रेयस अय्यर ने कुछ ऐसा कहा जिसने पूरी टीम की सोच को बदल दिया।


"क्वालिफिकेशन तो सिर्फ शुरुआत है, असली जीत है टॉप-2 में रहना," शशांक सिंह ने खुलासा किया कि यह बात श्रेयस ने टीम मीटिंग में कही थी। और फिर क्या था – पंजाब किंग्स ने जयपुर में मुंबई को हराकर क्वालिफायर 1 में अपनी जगह पक्की कर ली।

यह सोच सिर्फ श्रेयस तक सीमित नहीं थी, हेड कोच रिकी पोंटिंग भी यही बात दोहराते नजर आए।

"हां, अब तक की जर्नी शानदार रही है, लेकिन सच कहूं तो अभी तक हमने कुछ खास हासिल नहीं किया है," पोंटिंग ने मैच के बाद कहा। "मेरा हमेशा से सपना था कि हम टॉप-2 में पहुंचे, और अब हम वहां हैं। लेकिन असली खेल अभी बाकी है।"

ये आत्मविश्वास और स्पष्ट सोच किसी भी टीम के लिए खास है – खासकर उस टीम के लिए जो 11 साल बाद प्लेऑफ में पहुंची हो।

शशांक सिंह, जिनकी फिनिशिंग स्किल्स इस सीजन में कमाल की रही हैं, ने भी दिल खोलकर टीम की सफलता के बारे में बात की।

"सच कहूं तो ये सब एक सपना जैसा लगता है," शशांक बोले। "हमने इस टीम के साथ मिलकर टाइटल जीतने की कल्पना की थी, और अब हम उस राह पर हैं।"

शशांक ने खुलासा किया कि जैसे ही नीलामी पूरी हुई, टीम का एक WhatsApp ग्रुप बना, जिसमें सभी ने यही लक्ष्य सेट किया – "इस साल खिताब लेकर ही लौटेंगे।"

उन्होंने कहा, "हमने न सिर्फ मैनिफेस्ट किया, बल्कि उस पर यकीन भी किया। और उसके बाद कड़ी मेहनत की।"

टीम संस्कृति का निर्माण – श्रेयस और पोंटिंग का मास्टरप्लान

शशांक ने श्रेयस अय्यर और रिकी पोंटिंग की जोड़ी की तारीफों के पुल बांध दिए।

"श्रेयस सिर्फ कप्तान नहीं हैं, वो एक लीडर हैं।" उन्होंने कहा, "वो हर खिलाड़ी को आज़ादी देते हैं, चाहे वो प्लेइंग इलेवन का हिस्सा हो या नेट बॉलर। और यही चीज़ इस टीम को खास बनाती है।"

रिकी पोंटिंग को उन्होंने "अब तक के सबसे बेहतरीन कोच" का टैग दे दिया।

"मैंने ब्रायन लारा और अब पोंटिंग सर के अंडर खेला है। लेकिन पोंटिंग सर ने हमारी सोच ही बदल दी। वो सिर्फ क्रिकेट नहीं सिखाते, वो इंसानियत सिखाते हैं।"

उन्होंने एक किस्सा भी शेयर किया – "शुरुआत में ही बताया गया था कि टीम में युजवेंद्र चहल और बस ड्राइवर को एक जैसा सम्मान मिलेगा। और यही हुआ।"

पोंटिंग की प्लानिंग में श्रेयस थे सबसे ऊपर

पोंटिंग ने खुद कबूल किया कि वह श्रेयस को टीम में वापस लाने के लिए बेताब थे।

"मैं उन्हें पहले से जानता था, दिल्ली में हमने साथ काम किया था और फाइनल तक पहुंचे थे। वो एक बेहतरीन इंसान हैं और जब आप टीम की संस्कृति बदलना चाहते हैं, तो ऐसे ही लोगों की जरूरत होती है," पोंटिंग बोले।

"वो हर खिलाड़ी के साथ वक्त बिताते हैं, उन्हें मोटिवेट करते हैं, और ज़रूरत पड़ने पर सख्ती भी दिखाते हैं – यही होता है असली लीडर।"


अब अगला लक्ष्य – 3 जून की आधी रात

शशांक ने एक दिलचस्प बात कही –
"पूरा काम तब पूरा होगा जब 3 जून को रात 12 बजे हम प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कहेंगे – हां, अब हम वर्ल्ड के टॉप पर हैं।"

अब देखना है कि क्या पंजाब किंग्स इस सपने को हकीकत में बदल पाएगी या नहीं। लेकिन इतना तय है – इस टीम ने अपने खेल, संस्कृति और जज़्बे से सबका दिल जीत लिया है।

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